बाजना से बाँसवाड़ा का सफर बना हुआ है मौत का सफर तेलनी नदी की टूटी-फूटी पुलिया बरसात में न जाने ले ली कितनों की जान? राठौड़ टुडे अजय चौहान

।                              बाजना से बाँसवाड़ा का सफर बना हुआ है मौत का सफर


तेलनी नदी की टूटी-फूटी पुलिया बरसात में न जाने ले ली कितनों की जान


जिम्मेदारों की गैर जिम्मेदारी; तीन सालो में भी नहीं बन पाई तेलनी नदी की पुल, दो साल से बन्द पड़ा हुआ है काम


 


बाजना । बाजना से बांसवाड़ा का सफर बरसात के मौसम में इन दिनों मौत का सफर बना हुआ है। बीच रास्ते में पडऩेवाले कुन्दनपुर कस्बे में आनेवाली तेलनी नदी आए दिन उफान पर आ जाती है जिसके चलते इधर का मुसाफिर इधर और उधर का मुसाफिर उधर मझधार में ही अटका रहकर व न घर का रहता है ना ही घाट का।


हालत यह है कि पिछले दिनों सालों ३ पहले शुरू हुई नदी पर बननेवाली इस पुल का काम पिछले दो सालों से बन्द पड़ा हुआ है।  जिसके चलते अधबनी हुई पुल बारिश में खुद ही बहती हुई नदी बन जाती है और पुल का नामो-निशान तक नजर नहीं आता। पिछले वर्षों में कई मुसाफिर इस पुल को पार करने के चक्कर में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं तो इसका खतरा अब भी बरकरार का बरकरार ही है कि जान जोखिम में डालकर पुल पार करने की हिमाकत से ना जाने कब कौन काल का ग्रास बन जाए और उसकी देखा-देखी करने का खामियाजा कई और भी जान गँवाकर भुगत ले।


बीते रविवार को शाम 8 बजे से लगाकर अगले दिन सोमवार को  दोपहर 12 बजे तक पुल पर पानी भरा रहा जिसके चलते लगभग 16 घण्टे तक मुसाफिर इस पुल पर से पानी कम होने के इन्तजार में रविवार शाम से सोमवार 12 बजे तक बरसते पानी में फँसे रहे ।


यह कोई पहला वाकया नहीं है पिछले ३ सालों से तेलनी नदी पर अधबनी हुई इस पुल का यही हाल-बेहाल है। जबकि ग्रामीणों को अक्सर इस नदी को पार कर छोटे-छोटे सामान लेने तक कुन्दनपुर जाना पड़ता है जिनकी राह में तेलनी नदी का पुल रोड़ा बनता है।


जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदारी का यह आलम है कि पिछले तीन सालों में एक छोटी सी पुलिया जो कि कोई सैंकड़ों किलोमीटर लंबी भी नहीं थी अभी तक नहीं बन पाई है।


अब तक तो बसें बन्द पड़ी हुई थी लेकिन बसें शुरू होने पर रोजाना सैंकड़ों मुसाफिरों की जान इन बसों के सफर में इस मौत की पुलिया से होकर गुजरने पर जोखिम में रहेंगी और सवारियों की होड़ में अगर किसी बस के ड्रायवर ने पुल पर पानी होने के बावजूद पुल पार करने की हिमाकत कर दी या फिर पानी न होने पर भी तेज स्पीड में पायलेटिंग दिखाई तो कई सवारियाँ जान से हाथ धो बैठेंगी?


जिम्मेदारों का यह गैर जिम्मेदाराना रवैया रोजाना सिर्फ पुल पर पानी भरा होने के चलते ही नहीं बल्कि रात के अँधेरे और आँधी और तेज हवा में भी इस पुल पर से गुजरनेवालों को हादसों का शिकार और काल का ग्रास बना रहा है।


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