*पतंजलि को कोरोना की दवा बनाने का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया राठौड़ टुडे अजय चौहान संपादक
। 💥 *बड़ी खबर*💥
*पतंजलि को कोरोना की दवा बनाने का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया*
पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि के दावों को गलत बताते हुए नोटिस जारी किया है,
पतंजलि को कोरोना की दवा बनाने का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। 10जून को पतंजलि ने 3 प्रोडक्ट्स इम्युनिटी बूस्टर, खांसी और बुखार के प्रोडक्ट के लिए आवेदन दिया था। 12जून को अप्रूवल दिया गया पर उसमें कहीं भी कोरोना इलाज की दवा का जिक्र नहीं था।
: बिना तय प्रक्रिया अपनाएं और अनुमति लिए बिना कोरोना की दवा से मरीजों को पूर्णतया ठीक करने का दावा करना बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी को भारी पड़ सकता है. जानकारों का तो कहना है कि, कानून के तहत संबंधित फर्म पर सीज एंड सीजर की कार्रवाई के साथ ही, कंपनी के संचालकों पर आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है. वहीं, पहले दवा लॉन्च कर बाद में विभाग से अनुमति लेने का भी कानून में कोई प्रावधान नहीं है.
वकीलों का कहना है कि, बाजार में दवा उतारने से पहले उसका क्लीनिकल ट्रायल किया जाता है. ट्रायल शुरू करने पहले एथिक्स कमेटी की मंजूरी और मरीजों की जानकारी आदि के बारे में प्राधिकारियों को जानकारी देने का प्रावधान है. इसके अभाव में पतंजलि पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के साथ ही ड्रग्स एन्ड मैजिकल रेमेडीज एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है.
*नोटिस में पूछा गया*
पतंजलि को कोरोना किट न्यूज चैनलों पर दिखाने की परमिशन कहाँ से मिली। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के नियम 170 के तहत उत्पाद का विज्ञापन करने के लिए लाइसेंस अथॉरिटी से परमिशन लेनी होती है। DMRI 1954 के अंतर्गत इस तरह के क्लेम करना वैधानिक नहीं है।
*वाई.एस. रावत, लाइसेंस ऑफिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग*