महिला डीआरजी टीम का हिस्सा फूलो को अपनी बहन के हत्यारे नक्सलियों को निस्तनाबूत करना ही एक लक्ष्य

एक घटना ने नक्सलियों के खिलाफ उनके मन में ऐसी आग सुलगाई कि सीधा डीआरजी में भर्ती होने का ठान लिया। फूलो को बहन के हत्यारों का हर हाल में बदला लेना है। आज फूलो महिला डीआरजी टीम का हिस्सा है। ऐसे में वो अब अपने पुराने घर पहुंची और उन दिनों के जख्मों को याद किया। वो बताना चाहती हैं कि अब वो कमजोर फूलो नहीं हैं जिसे कोई नक्सली डराकर भगा सके। आज वो उनका सामना करने के लिए तैयार है।


दरअसल साल 2017 में बुरगुम में हुए एनकांउटर में इनामी नक्सली मारे गए थे। बड़े नक्सलियों के मारे जाने के बाद फूलो की छोटी बहन बुधरी पर नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया। घर से उठाकर जंगल ले गए, 3 दिनों तक साथ रखे। जनअदालत लगाई, ग्रामीणों व माता- पिता के सामने 18 साल की बुधरी को रस्सी से गला घोंटकर मार दिया। शव को घर तक लाने भी मां- बाप को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। नक्सलियों ने फूलो को भी टारगेट कर रखा था, वह गांव छोड़कर भाग गई थी। मां- बाप को नक्सलियों ने गांव से निकाल दिया। खेती बाड़ी सब छिन गई। फूलो ने बताया कि घर से भागने के बाद सुकमा में मजदूरी कर रही थी। छोटी बहन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। मेरी बहन को नक्सलियों ने मारा, बहन की मौत का बदला लूंगी। इसलिए ही मैं डीआरजी टीम में आई हूं। मेरी बहन को बेरहमी से मां- पिता व गांव वालों के सामने मारा गया है। मैंने बंदूक उठाई। जब भी ऑपरेशन पर निकलती हूं यही सोचकर कि हत्यारों से सामना हो। बहन की मौत का बदला हत्यारों को गोलियों से भूनकर लूं। भले ही मैं मारी जाऊं लेकिन उन हत्यारों को भी नहीं छोडूंगी।


टीम के साथ गांव पहुंचीं तो घर देख फफक पड़ी
2017 को नक्सलियों ने फूलो के माता-पिता को घर से भगा दिया। घर को तोड़ भी दिया था। पोटाली कैम्प खोलने व ऑपरेशन के लिए फूलो को भी भेजा गया। करीब 3 साल बाद फूलो को अपने गांव बुरगुम जाने का मौका मिला। जब डीआरजी टीम की महिला साथियों के साथ वह घर गई, तो अपना टूटा-सूना पड़ा घर देख फफक पड़ी।


3 बहनों की शादी हो चुकी
फूलो के 3 बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है। छोटी बहन को नक्सलियों ने मारा। भाई नहीं है। मां- बाप खेती बाड़ी कर खुद का जीवन चला रहे थे, नक्सलियों ने इन्हें भी भगाया। अब ये फूलो के साथ ही कारली के पुनर्वास केंद्र शांति कुंज में रहते हैं। यहां बेटा की तरह बूढ़े मां- बाप की सेवा करती है। फूलो को जो तनख्वाह मिलती है उसी से घर चलता है


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