तुर्की के जेहादी इस्लामिक संगठनों की भारत में नफरत फैलाने की साजिश


गृह मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में खुफिया एजेंसियों ने यह दावा किया है कि तुर्की के जेहादी इस्लामिक संगठन भारत में नफरत फैलाने की साजिश रच रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के इस्लामिक संगठनों द्वारा भारत के मौलवियों और प्रभुत्वशाली मुसलमानों को यह कहकर भड़काया जा रहा है कि भारत में मुसलमानों को हिंदुओं से खतरा है। वहीं, एक मीडिया एजेंसी का कहना है कि बीते महीनों तुर्की पहुंचे लोगों में भारत के कई मौलवी और प्रभुत्वशाली मुसलमानों के नाम भी शामिल हैं। इन्हें तुर्की में शरिया से संबंधित अध्ययन के लिये बुलाया गया था लेकिन ऐसी जानकारी मिली है कि अध्ययन के दौरान इनके दिमाग में यह बात भी भरी जा रही है कि भारत मुसलमानों के लिए सुरक्षित नहीं है।


तुर्की की कई संस्‍थाएं भारत और नेपाल से मुसलमानों को करती हैं आमंत्रित


भारत सरकार ने खुफिया एजेंसियों से प्राप्त जानकारी को गंभीरता से लेते हुए तुर्की से संबंधित उन सभी संगठनों पर कड़ी निगरानी के आदेश दिए हैं जहां भारत में नफरत फैलाने की साजिश रची जा रही है। बता दें कि तुर्की सरकार की डायरेक्टरेट ऑफ रिलीजियस अफेयर्स की शाखा, तुर्की दियानेट फाउंडेशन और उसके जैसी अन्य कई संस्‍थाएं अक्सर भारत और नेपाल जैसे देशों के मौलवियों और इस्लाम से जुड़े जानकारों को तुर्की आमंत्रित्र करती रहती है।


तुर्की के राष्ट्रपति को भारत की नसीहत


उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने भारत के ऐतराज के बावजूद पाकिस्तान की संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाया था और इस पर पाकिस्तान का समर्थन करने की बात कही थी। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने कश्मीर को लेकर उनके बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे देश का आंतरिक मामला बताया है। साथ ही तुर्की को यह नसीहत दी है कि वह भारत के आंतरिक मामले में दखल न दे


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